उसका सारा घमंड चूर हो जाता है। किसी तरह लोग कपड़े की नोक से उनकी आँखों में पड़ा तिनका निकालते हैं तो कवि सोच में पड़ जाता है कि आखिर उसे किस बात का घमंड था, जो एक तिनके ने उनके घमंड को जमीन पर लाकर खड़ा कर दिया। ... घमंडी की आँख में तिनका पड़ने पर उसकी आँख लाल होकर दुखने लगी। वह बेचैन हो गया और उसका सारा ऐंठ समाप्त हो गया।