पंडित लेखराम ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए हिंदुओं को धर्म परिवर्तन से रोका व शुद्धि अभियान के प्रणेता बने। स्वामी दयानन्द का जीवनचरित् लिखने के उद्देश्य से उनके जीवन सम्बन्धी घटनाएँ इकट्ठी करने के सिलसिले में उन्हें भारत के अनेकानेक स्थानों का दौरा करना पड़ा। इस कारण उनका नाम 'आर्य मुसाफिर' पड़ गया।