(क) अभि + गम् + ल्यप् = अभिगम्य
(ख) वि + हा + ल्यप् = विहाय
(ग) निर् + गम् + ल्यप् = निर्गत्य
(घ) वि + हस् + ल्यप् = विहस्य
(ङ) प्र + क्लृप् (कृप्) + ल्यप् = प्रकृप्य
(च) सम् + बुध् + ल्यप् = सम्बुध्य
<h3 />
बढ़ती हुई आबादी के कारण पर्यावरण असंतुलित हो गया है। आवासीय स्थलों को बढ़ाने के लिए वन, जंगल यहाँ तक कि समुद्रस्थलों को भी छोटा किया जा रहा है। पशुपक्षियों के लिए स्थान नहीं है। इन सब कारणों से प्राकृतिक का सतुंलन बिगड़ गया है और प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ती जा रही हैं। कहीं भूकंप, कहीं बाढ़, कहीं तूफान, कभी गर्मी, कभी तेज़ वर्षा इन के कारण कई बिमारियाँ हो रही हैं। इस तरह पर्यावरण के असंतुलन का जन जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
<em>आशा है कि आपको इससे मदद मिली होगी।</em>
<em>आशा है कि आपको इससे मदद मिली होगी।धन्यवाद।।</em>