एक बार की बात है एक जंगल में एक झील थी। जो खुनी झील के नाम से प्रसिद्ध थी। शाम के बाद कोई भी उस झील में पानी पिने के लिए जाता तो वापस नहीं आता था। एक दिन चुन्नू हिरण उस जंगल में रहने के लिए आया।
उसकी मुलाकात जंगल में जग्गू बन्दर से हुई। जग्गू बन्दर ने चुन्नू हिरण को जंगल के बारे में सब बताया लेकिन उस झील के बारे में बताना भूल गया। जग्गू बन्दर ने दूसरे दिन चुन्नू हिरण को जंगल के सभी जानवरों से मिलाया।
जंगल में चुन्नू हिरण का सबसे अच्छा दोस्त एक चीकू खरगोश बन गया। चुन्नू हिरण को जब ही प्यास लगती थी तो वह उस झील में पानी पिने जाता था। वह शाम को भी उसमें पानी पिने जाता था।
एक शाम को वह उस झील में पानी पिने गया तो उसने उसमें बड़ी तेज़ी से अपनी और आता हुआ एक मगरमच्छ देख लिया। जिसे देखकर वह बड़ी तेज़ी से जंगल की तरफ भागने लगा। रास्ते में उसको जग्गू बन्दर मिल गया।
रोम में एन्ड्रोक्लीज़ नामक गुलाम अपने मालिक से परेशान होकर जंगल में भाग गया। वहाँ उसकी मुलाकात एक घायल शेर से हुई। शेर बार बार अपना पंजा उठा रहा था।
पहले तो एन्ड्रोक्लीज़ डरा फिर साहस कर उसके पास गया और उसके पंजे में फँसा काँटा उसने निकाल दिया। शेर ने उसके हाथों को चाटकर आभार प्रकट किया और फिर जंगल में चुपचाप चला गया।
एक दिन मालिक के आदमियों ने एन्ड्रोक्लीज़ को ढूंढ निकाला और पकड़कर सम्राट् के पास ले गए। सम्राट ने उसे भूखे शेर के सामने डलवाने की आज्ञा दी।
सारी जनता के सामने एन्ड्रो क्लीज को एक खुले मैदान में लाया गया। एक भूखा शेर दौड़ता हुआ आया पर एन्ड्रोक्लीज़ पर आक्रमण की जगह उसका हाथ चाटने लगा। वस्तुतः यह वही शेर था जिसके पंजे से एन्ड्रोक्लीज़ ने काँटा निकाला था। वह एन्ड्रोक्लीज़ को पहचान गया था।
आश्चर्यचकित सम्राट को एन्ड्रोक्लीज़ ने पूरी घटना सुनाई। सम्राट् ने उसे क्षमा कर आजाद कर दिया और शेर को जंगल में छुड़वा दिया।
<u>शिक्षा :</u> सभी के प्रति सहृदयता का भाव रखना चाहिए।